Katra Katra Aasakti
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ISBN 9788193827130
- टाईटल : कतरा कतरा आसक्ति
- Title : Katra Katra Aasakti
- Author : Harsh Ranjan
- Publisher : Author’s Ink Publications (23 September 2018)
- Language : Hindi
- Print length : 130 + pages
- Poetry Collection
- Versions : E-Book and Paperback
- Paperback available on Amazon and Flipkart
Description
‘सूखा हुआ समुद्र’ शीर्षक कविता से उद्धृत:
रोक सको तो रोको
उस चक्के को
जो हर कदमों को
थकाता आ रहा है।
झूठ!
घाटे का सौदा है!
ये पलड़ा गिरता ही
जा रहा है।
ये पूरी जवानी
इश्तिहारो की कहानी रही…
…कभी प्यार की,
कभी वक्त के मार की,
कभी दवाइयों और उपचार की
कभी सपनो के ठेकेदार की।
और जो ढल गयी
वो किसी कंधे पर बैठे
बच्चे की उमंग थी।
झूठ नहीं कहूँगा
मुझे इन चर्चाओ से ज्यादा
वो चिंताएँ पसंद थीं।
आज जब
नजर घुमाता हूँ तो
एक सूखा हुआ समुद्र
नजर आता है।
यहाँ न लहर हैं
ना मछलियां।
एक प्यासे की तबियत से
कह रहा हूँ
निराशा आज ज्यादा है।
बात पुरानी है पीने की
इस रेगिस्तान में
देखने भर का इरादा है।
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