Kalank ka Devta
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ISBN 978-8194156154
- टाईटल : कलंक का देवता/ कलंकित देवता
- Title : Kalank Ka Devta /Kalankit Devta
- Author : Harsh Ranjan
- Publisher : Pushp Prakashan
- Language : Hindi
- Print length : 180+ pages
- One complete Novel
- Versions : E-Book and Hardcover
- Fiction
Description
‘कलंक का देवता’ से उद्धृत
… ये रेड लाइट एरिया की सड़क है और उस तरफ से आपको इशारे किए जा रहे होंगे, आपको बुलाया जा रहा होगा…
बगल में ही एक मंदिर है जिस पर रखे लाउडस्पीकर में आरतियाँ बज रही हैं…
प्रभात ने विजयी दृष्टि से सड़क की दूसरी तरफ देखा।
मानो वो छोटा मंदिर उसके पाप के पर्वतों के बीच घिर गया है। आरती की आवाज तेज होने लगी…उसमें न जाने कहाँ से सड़क के उस पार से आ रही फब्तियों की और बेगैरत सी हंसी-ठहाकों की आवाज मिल गयी।
एक आवाज आई- प्रसाद मिलेगा?
-जरूर!- फिर कुछ हंसी की आवाजें।
प्रभात ने बगल की तरफ देखा, कुछ सड़क छाप लड़के मंदिर के आगे बैठे-बैठे गंदी बातें कर रहे थे।
प्रभात के दिल में आया कि अंदर रखी तस्वीर को छाती से लगाकर बाहर निकाल ले जाये पर उसने यही काम अपने साथ किसी भी अपने को नहीं करने दिया था आज तक।
-कैसे कलंक धोएंगे प्रभु!- एक बूढ़ा आदमी मंदिर के सामने झुककर बुदबुदाया और आगे बढ़ गया।
आरती की आवाज तेज होती गयी…प्रभात ने कालिख भी देखी, देवता भी देखा जो निर्विकार एक साथ इस मंदिर में सालों से पड़े हैं….और सालों तक पड़े रहेंगे….उन्हे एक-दूसरे के लिए बनाया गया है….
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