Aadhi-Adhoori Saadhnayen (प्रारम्भ)
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ASIN B0C4V854HM
- टाईटल : आधी-अधूरी साधनाएं : प्रारम्भ
- Title : Aadhi-Adhoori Saadhnayen : Prarambh
- Author : Harsh Ranjan
- Publisher : The Digital Idiots
- Language : Hindi
- Print length: 180+ pages
- First Part of Novel, Aadhi-Adhoori Saadhnayen Series
- Versions : E-Book
- Fiction
Description
‘ आधी-अधूरी साधनाएं : प्रारम्भ ‘ से उद्धृत
ज़िंदगी में जो हर अरमान हारा हो, हर शौक हारा हो…कहता है कि जरूरत थी पर वो भी हारा हो, उसे हारने का डर तो रहता ही है। लेकिन ये वो बात नहीं थी, ये एक लौकिक कर्तव्य ही था। पढ़ाई पूरी हुई तो अब नौकरी होनी ही थी। इसमें कोई विशेष बात नहीं थी। इसमें कोई विलक्षणता नहीं थी…ये एक सामान्य ईश्वरीय योजना थी। ऐसा ही होता है…जन्म होता है, पढ़ाई होती है, फिर नौकरी होती है, फिर शादी होती है, फिर बच्चे होते हैं, फिर बच्चे पढ़ते हैं…फिर एज यूजवल! यही ज़िंदगी है, ये लौकिक कर्तव्य हैं…ये तो पूरे हो जाने चाहिए थे! हाँ भले नौकरी की गुणवत्ता क्या होगी? पता नहीं।
दीवार पर एक तारीख लिख ली! ये पापा जी की जन्मतिथि है…बगल में 60 लिखा और उसके बगल में दोनों को जोड़कर लिख दिया…ये थी पिता जी की रिटायरमेंट की उम्र! यहाँ से पिता जी की आय आधी हो जानी थी और इसके साथ ही अपनी ज़िंदगी के साज-सामान और साधन भी। उस तारीख के बाद….
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