Panchwi Ring
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ASIN : B07H2LPPP9
- टाईटल : पाँचवीं रिंग
- Title : Panchwi Ring
- Author : Harsh Ranjan
- Publisher : The Digital Idiots
- Language : Hindi
- Print length : 60 pages almost
- One Complete Short-Novel
- Versions : E-Book
- Fiction
Description
‘पाँचवीं रिंग ‘ से उद्धृत
रेखा के गोद में एक बच्चा था और से अब पता चला कि किसी के लिए जीने का क्या मतलब होता है। शायद इसकी सीख उसे सोना से ही मिली थी जो इतनी लंबी तपस्या पता नहीं उन अजीब सी शर्तों पर किसके लिए करती आ रही थी।
आज ये बच्चा वो रेखा बन गया है जिसके एक ओर विनीत के साथ वो खडी है और दूसरी तरफ….
दीवाली की शाम दीपक ने शुभकामनाऐं देने के लिए वही जाना पहचाना नंबर डायल किया….पांचवी रिंग हुई और उसने फोन काट दिया। कुछ देर में उसने फिर से वही नंबर डायल किया, इस बार पाचवी रिंग से आगे।
-हैलो!
वो आवाज सुनकर दीपक को ऐसा लगा मानों एक लंबी नींद खुली हो और अब तक कानों में घुल रही पुकार जागने पर उसे ऐसी मिली हो। पानी पर खिंची लकीर की तरह उसके विश्वास पर आयी खरोंच फिर से भरी गयी और उसने इस मामूली से अंतर को भूलकर पूछा- सोना!
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