*परछाईयों के पीछे उपन्यास शृंखला का चौथा भाग ‘पूर्वसंध्या’ प्रमुख ईबुक्स साईट्स पर उपलब्ध।
*’डार्क लिपिस्टिक शेड्स’ उपन्यास-शृंखला का अंतिम भाग ‘डार्कर’ प्रमुख ईबुक साईट्स पर उपलब्ध।
*’डार्क लिपिस्टिक शेड्स’ उपन्यास-शृंखला का पहला भाग ‘डार्क’ प्रमुख ईबुक साईट्स पर उपलब्ध।
*एप्प, HARSH RANJAN अब गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।
*’स्वर्ग की सीढ़ी’ वैचारिक निबंध अब प्रमुख ईबुक पोर्टल्स पर उपलब्ध।
*’रात आपके शहर में’ उपन्यास अब प्रमुख ईबुक साईट्स पर उपलब्ध।
*कविता संग्रह, ‘सरस्वती-पुत्र’ अब प्रमुख ईबुक साईट्स पर उपलब्ध।
*’तुम नास्तिक क्यों रहे भगत सिंह’ का अङ्ग्रेज़ी अनुवाद अब ईबुक पोर्टल पर उपलब्ध।
*’तीसरी दुनिया के चर्चे’ निबंध शृंखला का पहला भाग, ‘दो ख्वाब अब प्रमुख ईबुक साईट्स पर उपलब्ध है।
* ‘रात आपके शहर में’, एक सम्पूर्ण उपन्यास अब प्रमुख ईबुक साईट्स पर उपलब्ध है।
* आधी-अधूरी साधनाएं उपन्यास शृंखला की अंतिम पुस्तक ‘इति’ प्रमुख ईबुक साईट्स पर अब उपलब्ध है।
* आधी-अधूरी साधनाएं उपन्यास शृंखला की पहली पुस्तक ‘प्रारम्भ’ प्रमुख ईबुक साईट्स पर अब उपलब्ध है।
* पापा पिगीबैंक पैतृक उपन्यास का तीसरा और अंतिम भाग प्रमुख ईबुक साईट्स पर अब उपलब्ध है।
* परछाइयों के पीछे उपन्यास शृंखला का तीसरा भाग ‘पड़ाव’ प्रमुख ईबुक साईटों पर अपलोड।
* पापा पिगीबैंक पैतृक का दूसरा भाग ‘संचित’ प्रमुख ईबुक साईटों पर अपलोड ।
* ‘तुम नास्तिक क्यों रहे भगत सिंह’ प्रमुख ईबुक पोर्टल पर अपलोड।
* नया उपन्यास ‘अब लौट आओ पूजा’ प्रमुख ऑनलाईन मंचों पर प्रकाशित
* नया कविता संग्रह ‘इंतज़ार तुम्हारा’ प्रमुख ऑनलाईन मंचों पर प्रकाशित
* नया उपन्यास ‘पापा पिगीबैंक पैतृक’ का पहला भाग, संचयीमान प्रमुख ई-बुक पोर्टल्स पर प्रकाशित
* ‘तुम नास्तिक क्यों रहे भगत सिंह!’ प्रमुख ऑनलाइन ईबुक पोर्टल्स पर अपलोड की गयी।
* नया कविता संग्रह, ‘नीली नसें और सौदामिनी’ प्रमुख ई-बुक पोर्टल्स पर प्रकाशित
* साइट में कुछ सुधार के कारण अस्थाई रूप से लॉगिन की सेवा हटा ली गयी है।